Saturday 3 December 2016

teachers day essay in hindi

भारत में अनेक महान विद्वान पैदा हुए. उनहि मे से एक महान विद्वान थे डॉ. सर्वपल्लीराधाकृष्णन. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षाविद, म्हणवक्ता और आस्थावान हिन्दू विचारक थे. वे भारत के राष्ट्रपति रह चुके है. लेकिन राजनीति में आने से पहले वो बच्चों को पढ़ाते थे. उन्होंने 40 साल तक शिक्षक का काम किया.
 
शिक्षक दिवस क्यों मनाते है? शिक्षक दिवस मनाते है क्योंकि; हम सब अपने गुरुओं को सम्मान देना चाहते है. सम्मान देने के लिए हम शिक्षक दिन मनाते है. अलग अलग देशों में इसे अलग तरीके से मनाया जाता है. कुछ देशोंमें काम करते है; तो कुछ देशों में छुटिया होती है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ;तो इसी दिन भारत में शिक्षक दिन मनाते है.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति रहे. उन्हें 1954 में भारत के सबसे महान पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया गया.

सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दक्षिण भारत के तिरुत्तनि स्थान में हुआ था जो चेन्नई से 64 किमी उत्तर-पूर्व में है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पुरे विश्व को विद्या का मंदिर मानते थे. उनका मानना था की अगर हम पढ़े ईखे तभी हम अपने दिमाग का सदुपयोग कर सकते है. एक बार ब्रिटेन के एडिनबरा विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए उन्होंने कहा था कि मानव की जाति एक होनी चाहिये. मानव इतिहास का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव जाति की मुक्ति है. यह तभी सम्भव है जब समस्त देशों की नीतियों का आधार विश्व-शान्ति की स्थापना का प्रयत्न करना हो. वे छात्रों को प्रेरित करते थे कि वे उच्च नैतिक मूल्यों को अपने आचरण में उतारें. वे जिस विषय को पढ़ाते थे, पढ़ाने के पहले स्वयं उसका अच्छा अध्ययन करते थे. दर्शन जैसे गम्भीर विषय को भी वे अपनी शैली की नवीनता से सरल और रोचक बना देते थे.

सन्‌ 1962 में जब डॉ राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने थे, तब कुछ शिष्य और प्रशंसक उनके पास गए और उन्होंने उनसे निवेदन किया कि वे उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा- "मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने से निश्चय ही मैं अपने को गौरवान्वित अनुभव करूंगा." तबसे आज तक 5 सितम्बर सारे देश में उनका जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. उनकी मृत्यु  17 अप्रैल 1975 को हुई थी.

विद्यालय में शिक्षक दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है . इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाता है . विद्यालय के छात्र-छात्राये शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के पांव छूकर आशीर्वाद ग्रहण करते है तथा अध्यापकों के सम्मान में भाषण, कविताएं तथा गीत प्रस्तुत करते है . विद्यालय के शिक्षक सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते है. वे बताते है कि शिक्षक ही वास्तविक राष्ट्र के निर्माता है और शिक्षक का दर्जा भगवान से भी बड़ा होता है. अत: सभी शिक्षकों को आधुनिक भारत के निर्माण में सहयोग करने के लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करना चाहिए. इस अवसर पर विद्यालय का पूरा स्टॉफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहते है .

* जो बातें बच्चे मां बाप को नहीं बताते, वह शिक्षकों को बताते हैं.
* वैश्विक परिवेश में ऐसा माना जाता है कि सारे देश में अच्छे शिक्षकों की बहुत बड़ी मांग है.
* शिक्षक के महत्व को समझे बिना समाज में बदलाव संभव नहीं. 
* गांवों में शिक्षक सबसे आदरणीय होता है. इस स्थिति को फिर से लाने की जरूरत है.
* विद्यार्थी के लिए शिक्षक हीरो जैसा होता है. वे उनकी ही तरह करना चाहते हैं. 
* हम जब तक शिक्षक की अहमियत स्वीकार नहीं करेंगे, तब तक शिक्षक के प्रति गौरव पैदा होगा न ही नई पीढ़ी के परिवर्तन में ज्यादा सफलता मिलेगी.
* हम इस बात को समझें कि हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व क्या है. 


"ज्ञानी के मुख से झरे, सदा ज्ञान की बात।

हर एक पांखुङी फूल, खुशबु की सौगात।।"

Previous Post
Next Post
Related Posts

1 comment: